मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की क्लास मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष लगने की खबर आ रही है। क्लास लगने के पीछे कारण मंत्री के स्टाफ के एक सदस्य द्वारा संघ के ही वरिष्ठ कार्यकर्ता से ‘फीस’ की डिमांड कर देना था। मामला संघ कार्यालय से होते हुए जब सीएम तक पहुंचा तो तुरंत ही सीएम ने मंत्री यादव को तलब किया। मंत्री खरगोन के दौरे पर थे जो जल्दीबाजी में ही कार्यक्रम छोड़कर भोपाल पहुंचे। खबर लिखे जाने तक मंत्री ने अपने स्टाफ के उक्त सदस्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह सदस्य गैर सरकारी कर्मचारी बताया जाता है जो उज्जैन से जुड़ा है।
मिली जानकारी के अनुसार करीब पांच दिन पहले संघ का यह कार्यकर्ता अपने से जुड़े एक सहायक प्राध्यापक के स्थानांतरण के लिए मंत्री के भोपाल स्थित बंगले पर पहुंचा। उसने जब मंत्री के बारे में जानकारी चाही तो उनका भोपाल से बाहर होना बताया गया। जब उन्होंने स्थानांतरण की प्रक्रिया जानना चाही तो स्टाफ के इस सदस्य ने इशारों-इशारों में फीस का जिक्र कर दिया। जब फीस पूछी तो स्टाफ ने पांच लाख रुपये बताई। संघ का कार्यकर्ता भी स्मार्ट था। उसने कहा कमलनाथ सरकार के समय तो ढाई लाख रुपये लगते थे और अब आप पांच लाख रुपये ले रहे हो? इसपर जवाब मिला इस बार ट्रांसफर कम होंगे इसलिए परेशानी है। स्टाफ के सदस्य ने यह भी कहा कि आप जिसका ट्रांसफर कराना चाहते हो नियम के अनुसार तो वह स्थानांतरण के पात्र ही नहीं है क्योंकि वह 2019 की भर्ती का है और उन्हें तीन साल तक तो अन्यत्र पदस्थ ही नहीं किया जा सकता।
जब इतनी बात स्टाफ के सदस्य से खुलकर हुई तो संघ के इस कार्यकर्ता ने अपने से भी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को पूरा घटनाक्रम बताया। यहां से पूरी बात सीएम चौहान तक पहुंचीं। एक बात यह भी सामने आई कि उच्च शिक्षा विभाग में एक मंत्री की सबसे ज्यादा रिकमेंट हैं। बताया जाता है उस मंत्री की नोटशीट भी अलग की जा रही है ताकि उसके संबंध में जानकारी ली जा सके। उस मंत्री को लेकर भी सीएम जानकारी निकाल रहे हैं। बुधवार शाम को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से सीएम की मुलाकात होना बताई जा रही है। विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने इस संबंध में मंत्री मोहन यादव से उनका पक्ष जानने के लिए मोबाइल भी लगाया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।